देवघर: श्रावणी मेला 2025 को लेकर बाबा नगरी देवघर में तैयारियां जोरों पर हैं। 11 जुलाई से गगनभेदी “बोल बम” के नारों के साथ कांवरियों का सैलाब उमड़ेगा। इस बीच डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने बाबा मंदिर प्रशासनिक भवन में पुरोहित समाज के साथ करीब ढाई घंटे लंबी अहम बैठक की, जिसमें मेला संचालन और व्यवस्था को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
मुख्य बिंदु:
- हाई रिजोल्यूशन AI कैमरे से सुरक्षा, सभी पांचों प्रवेश द्वारों पर चेहरा स्कैन करने वाले कैमरे लगाए जाएंगे।
- हर श्रद्धालु का चेहरा स्कैन कर डेटा प्रशासन के पास सुरक्षित रखा जाएगा।
- वीआईपी दर्शन पर रोक, इस बार विशेष दर्शन की अनुमति नहीं होगी।
- रविवार और सोमवार को कूपन प्रणाली भी रहेगी बंद।
- भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी, डीसी ने कहा – “कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।”
पुरोहित समाज की मांगें और चर्चा के मुद्दे:
- लगभग 80% श्रद्धालु पुरोहितों के घरों में ठहरते हैं, ऐसे में बिजली, पानी, सफाई और स्वास्थ्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की जरूरत पर बल दिया गया।
- डॉ. सुरेश भारद्वाज ने बिजली संकट और मेंटेनेंस की आड़ में कटौती का मुद्दा उठाया।
- डीसी ने सभी अधिकारियों को सभा के पदाधिकारियों से समन्वय और अपना संपर्क नंबर साझा करने का निर्देश दिया।
- अधिकारियों को अनजान नंबर से भी कॉल रिसीव करने के निर्देश दिए गए।
मंदिर प्रभारी एसडीएम रवि कुमार का बयान:
“सुरक्षा के लिए इस बार अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग होगा। एआई कैमरों की मदद से दर्शनार्थियों की हर गतिविधि पर निगरानी रखी जाएगी। वीआईपी दर्शन और कूपन सिस्टम पर इस बार रोक रहेगी ताकि आम भक्तों को कोई असुविधा न हो।”
श्रावणी मेला 2025 को लेकर देवघर प्रशासन इस बार पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। श्रद्धालुओं की भीड़, सुरक्षा, चिकित्सा और सेवा व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासनिक सतर्कता पहले से कहीं अधिक सख्त और तकनीकी रूप से उन्नत होगी।
विशेष ध्यान देने योग्य:
- दर्शन के लिए किसी सिफारिश या वीआईपी प्रोटोकॉल का लाभ नहीं मिलेगा।
- दर्शनार्थियों की पहचान अब एआई आधारित चेहरे की स्कैनिंग से होगी।
- स्वास्थ्य सेवाओं, जलापूर्ति और साफ-सफाई को लेकर व्यापक व्यवस्था की जा रही है।