PATNA : नीतीश सरकार ने राज्य के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए एक अहम निर्णय लिया है, अब अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कन्या आवासीय प्लस-टू विद्यालयों में पदस्थापित नियमित शिक्षकों (प्रधानाध्यापक सहित) और कर्मचारियों की बेटियों को निःशुल्क शिक्षा की सुविधा मिलेगी। यह कदम शिक्षकों और कर्मचारियों की पारिवारिक एवं मानसिक चिंताओं को दूर करने की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है।
नए नियमों के तहत मिलेगा दाखिला
अब तक इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों की बेटियों के नामांकन के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं था, जिससे उन्हें अपनी बच्चियों को दूर के विद्यालयों में भेजना पड़ता था। लेकिन अब विभाग ने अपनी संचालन नियमावली में संशोधन कर यह व्यवस्था की है कि शिक्षक-कर्मचारी अपनी बेटी का नामांकन उसी विद्यालय में करवा सकते हैं, जहां वे स्वयं कार्यरत हैं। हालांकि यह नामांकन बाध्यकारी नहीं, बल्कि ऐच्छिक होगा। यानि, शिक्षक चाहें तो अपनी बेटी का दाखिला कहीं और भी करा सकते हैं।
जाति प्रमाणपत्र की नहीं होगी जरूरत
खास बात यह है कि इन बच्चियों के लिए BC-I या BC-II श्रेणी की जाति प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी। यह छूट केवल उन्हीं बच्चियों को मिलेगी जिनके माता-पिता OBC कन्या आवासीय विद्यालय में नियमित रूप से कार्यरत हैं। इन बच्चियों को विद्यालय परिसर में स्थित उनके माता-पिता के सरकारी आवास में ही रहना होगा। भोजन और कपड़ों की व्यवस्था की जिम्मेदारी भी अभिभावकों की होगी। विद्यालय केवल निःशुल्क शिक्षा की सुविधा देगा।
समग्र विकास को मिलेगा बढ़ावा
सरकार के इस फैसले का उद्देश्य शिक्षकों और कर्मचारियों की बेटियों के समग्र विकास को बढ़ावा देना है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि वे अपने माता-पिता के सानिध्य में रहते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।