RANCHI : कांके अंचल के नगड़ी क्षेत्र में प्रस्तावित रिम्स-2 अस्पताल के निर्माण को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। प्रशासन द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में ग्रामीणों ने अब 18 जून को राजभवन के समीप धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है, जिससे इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य परियोजना के निर्माण में रुकावट आ सकती है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार रिम्स-2 का निर्माण राज्य सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जो क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। हालांकि भूमि अधिग्रहण को लेकर स्थानीय लोगों की नाराजगी परियोजना के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है।
जेएमएम का आरोप, चुनिंदा लोग फैला रहे हैं भ्रम
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने इस विरोध को साजिश करार दिया है। पार्टी का कहना है कि सिरमटोली फ्लाईओवर निर्माण के दौरान भी कुछ विशेष लोग विरोध में खड़े थे और अब रिम्स-2 के मामले में भी वही चेहरे सामने आ रहे हैं। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार हर विकास कार्य में जनता की सहभागिता चाहती है और सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने लोगों से धैर्य रखने और सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की है।
कांग्रेस ने बताया बीजेपी की साजिश
कांग्रेस ने इस विरोध प्रदर्शन को भारतीय जनता पार्टी की साजिश बताया है। कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा है कि जहां भी राज्य सरकार विकास कार्य करती है, वहां बीजेपी के लोग पहुंचकर जानबूझकर बाधा उत्पन्न करते हैं। रिम्स-2 राज्य की जरूरत है और सरकार समय रहते इस मुद्दे का समाधान निकाल लेगी।
बीजेपी ने किया सरकार की नीतियों का विरोध
वहीं बीजेपी इस पूरे विवाद से खुद को अलग रखती नजर आ रही है, लेकिन पार्टी के सह मीडिया प्रभारी ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पार्टी विकास विरोधी नहीं है, लेकिन सरकार बिना ग्रामसभा की अनुमति और बलपूर्वक जमीन अधिग्रहण कर रही है, जो ग्रामीणों के साथ अन्याय है। बीजेपी ने मांग की है कि सरकार ग्रामीणों को विश्वास में लेकर ही रिम्स-2 परियोजना को आगे बढ़ाए।