10 Years Of Digital India: एक दशक में इंटरनेट क्रांति, 97 करोड़ कनेक्शन और ग्लोबल लीडरशिप की ओर भारत

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Narendra Modi

नई दिल्ली: डिजिटल इंडिया मिशन को 10 वर्ष पूरे हो गए हैं। वर्ष 2014 में शुरू हुए इस मिशन ने भारत को तकनीकी दृष्टि से आत्मनिर्भर और वैश्विक मंच पर एक मजबूत डिजिटल शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया है। 2014 में जहां केवल 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, वहीं आज यह संख्या बढ़कर 97 करोड़ से अधिक हो चुकी है।

ऑप्टिकल फाइबर से गांव-गांव तक इंटरनेट

सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 42 लाख किलोमीटर से अधिक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है, जो पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी का 11 गुना है। इससे देश के दूरस्थ गांवों को इंटरनेट से जोड़ा जा सका है।

5G रोलआउट में भारत सबसे आगे

भारत का 5G नेटवर्क रोलआउट दुनिया में सबसे तेज़ रहा है। मात्र दो वर्षों में 4.81 लाख से अधिक 5G बेस स्टेशन लगाए गए हैं। अब हाई-स्पीड इंटरनेट न केवल महानगरों, बल्कि सियाचिन, गलवान और लद्दाख जैसी अग्रिम चौकियों तक पहुंच चुका है।

UPI से दुनिया को राह दिखा रहा भारत

डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) की सफलता ने भारत को वैश्विक नेतृत्व प्रदान किया है। आज भारत में हर साल 100 अरब से अधिक डिजिटल लेन-देन होते हैं। दुनिया में जितने रीयल टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन होते हैं, उनमें से लगभग 50% भारत में होते हैं।

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से पारदर्शिता

सरकार ने बताया कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से अब तक ₹44 लाख करोड़ सीधे नागरिकों को हस्तांतरित किए जा चुके हैं, जिससे ₹3.48 लाख करोड़ की लीकेज रोकी गई है।

स्वामित्व योजना से संपत्ति विवादों पर विराम

स्वामित्व योजना के अंतर्गत अब तक 2.4 करोड़ प्रॉपर्टी कार्ड्स जारी किए गए हैं और 6.47 लाख गांवों का डिजिटल मैपिंग का कार्य पूरा हुआ है। इससे वर्षों पुराने भूमि विवादों को हल करने में मदद मिली है।

ONDC और GeM से एमएसएमई को मिला बड़ा बाजार

ओएनडीसी (ONDC) और सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) जैसे प्लेटफॉर्म्स ने एमएसएमई और छोटे व्यापारियों को बड़ा डिजिटल बाजार उपलब्ध कराया है।

  • ओएनडीसी ने हाल ही में 20 करोड़ लेन-देन का आंकड़ा पार किया
  • GeM पर 22 लाख विक्रेता, जिसमें 1.8 लाख महिला संचालित उद्यम
  • GeM ने 50 दिनों में ₹1 लाख करोड़ का जीएमवी दर्ज किया

डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बना वैश्विक मॉडल

भारत के आधार, कोविन, डिजिलॉकर, फास्टैग, पीएम-वाणी, और वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन जैसे मॉडल अब वैश्विक स्तर पर भी अपनाए जा रहे हैं।

  • कोविन से 220 करोड़ टीकाकरण सर्टिफिकेट
  • डिजिलॉकर पर 54 करोड़ यूज़र्स और 775 करोड़ दस्तावेज

भारत ने G20 की अध्यक्षता के दौरान ग्लोबल DPI रिपॉजिटरी और $25 मिलियन का सोशल इम्पैक्ट फंड भी लॉन्च किया।

AI और स्टार्टअप्स में भारत अग्रणी

भारत अब दुनिया के शीर्ष तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम में है, जिसमें 1.8 लाख से अधिक स्टार्टअप्स कार्यरत हैं।

  • AI मिशन के तहत ₹1.2 अरब का निवेश
  • 34,000 GPU तक ₹1 से कम प्रति घंटा कीमत पर उपलब्ध
  • ‘नयी दिल्ली AI डिक्लरेशन’ के माध्यम से भारत ने जिम्मेदार AI को बढ़ावा दिया

डिजिटल इंडिया: इंडिया फर्स्ट से इंडिया फॉर द वर्ल्ड तक

सरकार ने कहा कि अब डिजिटल इंडिया सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जन-आंदोलन बन गया है। यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का आधार और वैश्विक डिजिटल नेतृत्व का वाहक है।

प्रधानमंत्री का आह्वान

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “दुनिया अगली डिजिटल क्रांति के लिए भारत की ओर देख रही है। आइए, हम ऐसे समाधान बनाएं जो सशक्त करें, तकनीक को जन-जन तक पहुंचाएं और भारत को दुनिया का भरोसेमंद डिजिटल भागीदार बनाएं।”

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