हुनर को मिली पहचान, सरकार की मदद से खड़ा हुआ अपना कारोबार: बख्तियारपुर के पवन की कहानी बनी युवाओं के लिए प्रेरणा

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पटना: बिहार के पटना जिले के बख्तियारपुर के रहने वाले पवन कुमार कभी बेरोजगारी की जद्दोजहद से जूझ रहे थे। इंटरमीडिएट तक पढ़ाई करने वाले पवन एक सामान्य परिवार से आते हैं, जहां संसाधनों की कमी थी और रोजगार के अवसरों का अभाव। उन्हें भी कई अन्य युवाओं की तरह असमंजस में डाला लेकिन उनके पास एक चीज़ थी, हाथों में हुनर और कुछ कर गुजरने का जज्बा।

दोगुना हो गया आत्‍मविश्‍वास
पवन कुमार ने इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहनों की सर्विसिंग शुरू करने का मन बनाया। मगर आर्थिक स्थिति उनके सपनों के आड़े आ रही थी। इस दौरान एक मित्र ने उन्हें मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के बारे में बताया। उन्होंने योजना के तहत आवेदन किया और कुछ ही समय में उनके लिए ₹10 लाख का ऋण स्वीकृत हो गया। पवन बताते हैं, इसके बाद उनका आत्मविश्वास दोगुना हो गया।

बख्तियारपुर में शुरू किया कारोबार, बन रहे रोज़गार के स्त्रोत
पवन ने बख्तियारपुर में इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर की सर्विसिंग यूनिट शुरू की। आज वे न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर हैं, बल्कि दो अन्य युवाओं को भी रोज़गार दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले उन्हें वर्कर और सामान लाने में काफी परेशानी होती थी, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। उनके पास अब एक स्थायी व्यवसाय है, ग्राहक हैं, और एक बड़ी योजना भी। वो चाहते है कि भविष्य में उनका अपना बड़े वाहनों की सर्विसिंग यूनिट हो।

बदलाव की इस कहानी के पीछे बिहार सरकार की ताकत
पवन ये बात खुद कहते हैं कि आज उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। वो नौकरी मांगने वालों की लाइन से अगल नौकरी देने वाले बन गए हैं। इस सफर में बिहार सरकार की मुख्यमंत्री उद्यमी योजना ने उनका साथ दिया। नीतीश कुमार की योजनाओं की तारीफ करते हुए पवन कहते हैं कि उनकी योजनाएं युवाओं के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनकर उभरी है, जो केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की राह भी दिखा रही है।

“हुनर को पहचान दो, सरकार मदद के लिए तैयार है”
पवन कुमार ने योजना की तारीफ करते हुए बताया कि इस योजना के तहत युवाओं को 50 फीसद सब्सिडी और 50 फीसद ब्याजमुक्त ऋण के रूप में बिहार सरकार की ओर से उन्‍हें सहायता दी गई। इससे वो अपना व्यवसाय शुरुआत कर पाए। पवन कहते हैं, “जो भी युवाओं के पास हुनर है, उसे दबाएं नहीं। आज सरकार हर कदम पर साथ देने को तैयार है। बस आगे बढ़िए और आत्मनिर्भर बनिए।” उनकी यह कहानी उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं, लेकिन कुछ करने की हिम्‍मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना: एक नज़र में
50 फीसद अनुदान + 50 फीसद ब्याज मुक्त ऋण
युवाओं, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता
उद्योग, सेवा या व्यापार क्षेत्र में स्वरोजगार की सुविधा
तकनीकी प्रशिक्षण और परामर्श भी योजना का हिस्सा

बिहार में बन रही नई उद्यमशीलता की संस्कृति
पवन जैसे युवाओं की सफल कहानियां साबित करती हैं कि अब बिहार सिर्फ रोज़गार खोजने वाला राज्य नहीं, बल्कि जल्‍द ही रोज़गार देने वाला राज्य बन कर उभरेगा। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की योजनाएं “आत्मनिर्भर बिहार” के विजन को आगे बढ़ा रहीं हैं। यह कदम युवाओं के सामर्थ्य और सरकार की नीति-निष्ठा का जीवंत उदाहरण है।

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