राम दरबार की भव्य मूर्तियों के शिल्पकार सत्यनारायण पांडेय, 8 माह की मेहनत से रचा अद्भुत दृश्य

Share

अयोध्या: 5 जून को अयोध्या स्थित भव्य राम मंदिर के पहले तल पर राम दरबार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इन मूर्तियों को प्रसिद्ध मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय ने बनाया है। उन्होंने न केवल राम दरबार बल्कि सूर्य देव, माता अन्नपूर्णा, भगवान शिव, दुर्गा जी और हनुमान जी की मूर्तियां भी तराशी हैं।

इससे पहले रामलला की मूर्तियां बनाने वाले प्रमुख कलाकारों में शामिल थे। हालांकि गर्भगृह में 22 जनवरी 2024 को स्थापित की गई रामलला की मूर्ति के लिए अंतिम चयन अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई प्रतिमा का किया गया।

जयपुर में तराशी गईं सभी मूर्तियां

राम दरबार समेत अन्य सभी मूर्तियां जयपुर में बनी हैं। दो मुख्य मूर्तियां एक ही संगमरमर के पत्थर से बनाई गईं हैं, जबकि लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की प्रतिमाएं अलग-अलग पत्थरों से बनी हैं। मूर्तियों का प्रारंभिक स्केच प्रख्यात चित्रकार वासुदेव कामथ ने तैयार किया था। इसके आधार पर पहले मोम और फिर फाइबर के मॉडल बनाए गए, फिर अंतिम संगमरमर की मूर्तियों पर कार्य शुरू हुआ।

8 महीने में तैयार हुईं मूर्तियां

इन मूर्तियों को बनाने में 25 कारीगरों की टीम ने 8 महीने तक प्रतिदिन 10 घंटे काम किया। मूर्तियों की हर बारीकी को गहराई से तराशा गया है।

पहले तल पर राम दरबार, भूतल पर रामलला

राम मंदिर की संरचना 2.77 एकड़ क्षेत्र में फैली है। मंदिर का डिजाइन प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत बी सोमपुरा ने किया है। वे सोमनाथ मंदिर की परिकल्पना करने वाले प्रभाशंकर सोमपुरा के पोते हैं। मंदिर के भूतल पर रामलला विराजमान हैं, जबकि पहली मंजिल पर राम दरबार की स्थापना की गई है।

काशी सिल्क के वस्त्रों से हुआ शृंगार

राम दरबार की मूर्तियों का श्रृंगार काशी के सिल्क से बने वस्त्रों से किया गया है। इन वस्त्रों को डिज़ाइन किया है फैशन डिज़ाइनर मनीष त्रिपाठी ने। राम और सीता के वस्त्रों में पारंपरिक बंधेज और ज़री का इस्तेमाल किया गया है। रामजी को पीली रेशमी धोती पहनाई गई है, जो शुभता का प्रतीक मानी जाती है।

रामलला की मूर्ति: अरुण योगीराज की उत्कृष्ट कलाकृति

22 जनवरी 2024 को गर्भगृह में स्थापित रामलला की मूर्ति श्यामल रंग के पत्थर से बनी है, जिसकी लंबाई 51 इंच और वजन 1.5 टन है। इस प्रतिमा को अरुण योगीराज ने अयोध्या परिसर में ही तैयार किया था। चेहरे की मासूमियत, आंखों की दृष्टि और मुस्कान को विशेष रूप से उकेरा गया है।

विशेष आभूषणों से सजाए गए रामलला

रामलला की मूर्ति को 14 प्रकार के विशेष स्वर्ण आभूषणों से सजाया गया है। लखनऊ के एक ज्वैलरी हाउस द्वारा 132 कारीगरों ने केवल 13-14 दिनों में ये आभूषण तैयार किए। इसमें 15 किलोग्राम सोना, 18500 हीरे, 3500 माणिक्य और 600 पन्ने का उपयोग हुआ है। आभूषणों में मुकुट से लेकर पायल तक सब कुछ शामिल है, साथ ही एक सोने का धनुष और तीर भी।

Share this article

Facebook
Twitter X
WhatsApp
Telegram
 
August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031