नई दिल्ली/सना: यमन में फांसी की सजा पा चुकीं केरल की नर्स निमिषा प्रिया को बड़ी राहत मिली है। 16 जुलाई को होने वाली फांसी पर फिलहाल स्थगन लगा दिया गया है। यह जानकारी सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल के सदस्य सैमुअल जेरोम ने दी, जो 1999 से यमन में रह रहे हैं।
निमिषा प्रिया को वर्ष 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। यमन के शरिया कानून के तहत उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, अंतिम समय में कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रयासों से उनकी सजा पर रोक लग गई है।
वहीं, पीड़ित परिवार ने अब तक ना तो माफी देने और ना ही ब्लड मनी (दिया) स्वीकार करने पर सहमति जताई है। शरिया कानून के अनुसार, पीड़ित पक्ष को आरोपी को क्षमा करने या मुआवजे के बदले जीवनदान देने का अधिकार है।
इस मामले में भारत सरकार ने भी औपचारिक तौर पर सजा पर रोक की मांग की है, हालांकि यमन की राजधानी सना में भारतीय दूतावास न होने के कारण भारत की राजनयिक पहुंच सीमित है। सरकार धार्मिक नेताओं के माध्यम से बातचीत कर रही है।
इस प्रयास में ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया कंथापुरम एपी अबूबक्कर मुसलियार की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उन्होंने यमन के धार्मिक नेताओं से बातचीत कर मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की पहल की है।
हालांकि निमिषा की जिंदगी फिलहाल बच गई है, लेकिन आगे की राह पीड़ित परिवार की सहमति और कूटनीतिक प्रयासों पर निर्भर करेगी।