- इनमें 56 करोड़ 95 लाख रुपये का अटका मामला, सबसे ज्यादा 18 प्रस्ताव अवैध शराब की तस्करी से जुड़े
- साइबर, जाली नोट के तस्कर, जमीन माफिया, ठगी, नक्सली समेत जैसे अन्य अपराधियों की अवैध संपत्ति होगी जब्त
पटना: राज्य सरकार ने सूबे के 52 बड़े अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद की है। विभिन्न तरह के अपराधों के माध्यम से अवैध तरीके से अकूत संपत्ति जमा करने वाले अपराधियों का पूरा विवरण प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजा है। ताकि इन पर पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट) के तहत सख्त कार्रवाई की जा सके। इसमें परमादी मिलर, बालू माफिया, शराब तस्कर, साइबर अपराधी, जमीन माफिया, ठगी समेत अन्य श्रेणी के अपराधी शामिल हैं।
ईडी के पास ये सभी 52 प्रस्ताव ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) के माध्यम से भेजे गए हैं। ये तमाम प्रस्ताव 2020 से अब तक अलग-अलग चरणों में भेजे गए हैं। इसमें कुछ एक पर तेजी से कार्रवाई भी शुरू हो गई है। इसमें एक दर्जन से अधिक मामलों पर प्रवर्तन निदेशालय ने ईसीआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
शराब तस्करी के अपराधियों की संख्या सबसे ज्यादा
जिन अपराधियों की संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव भेजा गया है। इनमें सर्वाधिक 18 की संख्या शराब के अवैध कारोबार में शामिल तस्करों की है। इन सभी की 18 करोड़ 49 लाख रुपये की संपत्ति जब्ति का प्रस्ताव है। यह इन अपराधियों की अवैध संपत्ति का सरकारी मूल्य है। बाजार मूल्य इससे कहीं अधिक है। इसके बाद 10 बालू माफियाओं तथा हत्या, रंगदारी, इंट्री माफिया समेत अन्य अपराधों में शामिल 10 बड़े अपराधियों की संपत्ति जब्ति का प्रस्ताव है। इन दोनों तरह के अपराधियों की 23 करोड़ 85 लाख रुपये की संपत्ति दावं पर लगी है।
इतने अपराधियों की संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव
2 प्रमादी मिलरों की 2 करोड़ 69 लाख रुपये, 4 नक्सलियों की 2 करोड़ 17 लाख, 1 जाली नोट के तस्कर की 30 लाख, 2 गांजा तस्करों की 1 करोड़ 63 लाख रुपये, 1 साइबर अपराधी की 86 लाख रुपये, 3 जमीन माफियाओं की 4 करोड़ 93 लाख रुपये और 1 ठग की 2 करोड़ 3 लाख रुपये की अवैध संपत्ति को जब्त करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
विधायक समेत अन्य की संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव
जिन कुख्यातों की संपत्ति पीएमएलए के अंतर्गत जब्त करने के लिए भेजा गया है। उसमें विधायक से लेकर अन्य अपराधी शामिल हैं। भोजपुर जिला के अगिआंव थाना की लसाढ़ी गांव के रहने वाले विधायक अरूण यादव उर्फ अरूण सिंह भी शामिल हैं। इन पर हत्या, रंगदारी, रेप, ठगी समेत अन्य कई संगीन अपराधों में मामले दर्ज हैं। भोजपुर के पीरो थाना के बरौली का रहने वाला कुख्यात शराब तस्कर धीरेंद्र कुमार सिंह उर्फ धीरू, समस्तीपुर के ताजपुर का शराब तस्कर मुकेश सहनी, बांका के रजौन थाना का अवैध बालू खनन माफिया निलेश यादव, छोटू यादव, औरंगाबाद के कसमा का कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा उर्फ प्रमोदजी उर्फ बनबिहारी, किशनगंज के बालुचक्का का वाहन पासिंग माफिया गुलाम मुस्तफा के अलावा बेगूसराय के लोहियानगर थाना का प्रमादी मिलर शंभू साह, बांका का बालू माफिया विभिषण यादव, नक्सली प्रवेश कुमार मिश्रा उर्फ प्रवेश मिश्रा उर्फ प्रवेश राय, लखीसराय के किऊल थाना का जीवन यादव, सहरसा के सौरबाजार का प्रमादी मिलर युवराज भगत, गया के इमामगंज का नक्सली ललन भोक्ता, गोपालगंज के फुलवरिया का शराब माफिया बसंत सिंह, गया के कोंच का नक्सली विजय कुमार आर्या, गया के बेलागंज का जाली कारोबारी प्रभात कुमार अग्रवाल, भोजपुर के कोईलवर का बालू माफिया सोनु खान, आरा के कोईलवर के महादेवचक सेमरियां का बालू माफिया विदेशी राय, मधुबनी के फुलपरास के सिसवा बरही का अपराधी सुनील कुमार यादव, पटना के फतुहा थाना के कच्ची दरगाह का गांजा तस्कर राजकुमार राय, मधुबनी के बाबूबहरी थाना के सर्रा का जालसाज या ठग मनोज झा, पटना के खुशरूपुर थाना के कासिमपुर पंचरुखिया का जमीन माफिया संजय कुमार उर्फ संतोष कुमार, पटना के दानापुर के नया टोला का रहने वाला भू-माफिया पारस राय समेत अन्य शामिल हैं।
नैयर हसनैन खान (एडीजी, ईओयू) ने कहा कि नक्सली, अपराधी, माफिया समेत अन्य सभी कुख्यात अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें पीएमएलए के तहत कार्रवाई करने के लिए 52 अपराधियों की संपत्ति जब्ति का प्रस्ताव ईडी को भेजा गया है। कईयों पर कार्रवाई शुरू हो गई है।