कुआलालंपुर : भारत और मलेशिया के बीच कुआलालंपुर में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक का नेतृत्व जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने किया, जिनके साथ एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल शामिल था।
प्रमुख भागीदार
- भारतीय पक्ष:
- संजय कुमार झा (जेडीयू सांसद, प्रतिनिधिमंडल प्रमुख)
- हेमंग जोशी (भाजपा नेता)
- मलेशियाई पक्ष:
- डेमोक्रेटिक एक्शन पार्टी (DAP) के प्रतिनिधि
- वाईबी तुआन एम. कुलासेगरन वी. मुरुगेसन, उपमंत्री, प्रधानमंत्री विभाग (कानून और संस्थागत सुधार)
बैठक का उद्देश्य
- 2025 के पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 नागरिक मारे गए) के बाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की चिंताओं को साझा करना
- आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूत करना
- भारत-मलेशिया द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ बनाना
💬 प्रमुख बयान
वाईबी कुलासेगरन मुरुगेसन (मलेशिया)
“22 अप्रैल को जो हुआ, वह चौंकाने वाला था। भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाए हैं। हम आशा करते हैं कि अब पार-सीमा आतंकवाद नहीं होगा।”
संजय कुमार झा (भारत)
“मलेशियाई सांसद भारत की स्थिति से अवगत हैं और पूर्ण समर्थन दे रहे हैं। बैठक रचनात्मक रही।”
हेमंग जोशी (भाजपा)
“हमने भारत की प्रतिक्रिया और आत्मरक्षा के अधिकार के बारे में जानकारी दी, जिसे मलेशियाई प्रतिनिधियों ने मान्यता दी।”
अंतरराष्ट्रीय संदर्भ
- बैठक भारत की व्यापक कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर वैश्विक समर्थन जुटाना शामिल है।
- यह बातचीत उस समय हो रही है जब पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारी तहव्वुर राना की प्रत्यर्पण प्रक्रिया चर्चा में है।
- प्रतिनिधिमंडल ने इंडोनेशिया की भी यात्रा की थी, जहाँ इसी मुद्दे पर आम सहमति बनाई गई।
पृष्ठभूमि घटनाएँ
- उरी हमला (2016)
- पुलवामा हमला (2019)
- पहलगाम हमला (2025) – हाल की सबसे संवेदनशील आतंकी घटना
प्रभाव और महत्व
- DAP जैसी मुख्यधारा पार्टी का समर्थन भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को सुदृढ़ करता है।
- इस बैठक से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ने की संभावना है।