रांची: देशभर में ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों के संयुक्त आह्वान पर बुधवार को भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। केंद्र सरकार की कथित मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉरपोरेट समर्थक नीतियों के खिलाफ यह हड़ताल बुलाई गई है। श्रम कानूनों में बदलाव, सरकारी संस्थाओं के निजीकरण और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर कर्मचारी और श्रमिक सड़कों पर उतर आए हैं।
ट्रेड यूनियनों के अनुसार, इस हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी और श्रमिक शामिल हो चुके हैं। झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा सहित कई राज्यों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। कई क्षेत्रों में कार्यालय, बैंक, डाकघर, खनन और उद्योग ठप पड़े हैं।
प्रभावित क्षेत्र
बैंकिंग सेवाएं:
सरकारी बैंकों में कामकाज ठप रहा। ग्राहकों को कैश जमा, निकासी, चेक क्लियरिंग जैसी सेवाओं में परेशानी का सामना करना पड़ा। निजी बैंकों में कार्य आंशिक रूप से प्रभावित रहा।
परिवहन सेवाएं:
राज्य परिवहन निगम की बसें कई जगहों पर बंद रहीं। कुछ जगहों पर सड़क मार्ग बाधित होने से यात्री फंसे।
डाक सेवाएं:
पोस्ट ऑफिस में भी कामकाज ठप रहा। डाक, पार्सल और अन्य सेवाएं पूरी तरह बंद रहीं।
खनन और उद्योग:
कोयला खदानों, स्टील प्लांट्स और सरकारी औद्योगिक प्रतिष्ठानों में मजदूरों ने काम बंद रखा। इससे उत्पादन प्रभावित हुआ है।
बिजली आपूर्ति:
बिजली विभाग के कुछ कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे। कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित होने की सूचना मिली है।
राजनीतिक समर्थन और चक्का जाम
बिहार में INDIA गठबंधन ने भारत बंद को समर्थन देते हुए चक्का जाम का ऐलान किया है। राजधानी पटना समेत कई शहरों में यातायात प्रभावित हुआ है। विभिन्न किसान संगठनों और मजदूर यूनियनों ने केंद्र सरकार पर आम जनता की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
प्रशासन अलर्ट मोड पर
संभावित अस्थिरता को देखते हुए कई जिलों में पुलिस बल तैनात किया गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जरूरी सेवाओं के लिए पहले से वैकल्पिक व्यवस्था कर लें।