पलामू : जिले की हुसैनाबाद पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग के नाम पर चल रहे बड़े साइबर ठगी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने मामले में 7 युवकों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि हुसैनाबाद अनुमंडल स्थित अनिल कुमार विश्वकर्मा के तीन मंजिला मकान में कुछ संदिग्ध युवक ऑनलाइन गेमिंग एवं सट्टा संचालन के जरिये ठगी कर रहे हैं. पलामू एसपी के निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी हुसैनाबाद के नेतृत्व में गठित SIT टीम ने त्वरित कार्रवाई कर मकान में छापेमारी की. इस दौरान दो कमरों में 7 युवक लैपटॉप, टैबलेट और कई मोबाइल फोन के माध्यम से ऑनलाइन बेटिंग/गेमिंग गतिविधियों में लिप्त पाए गए. पुलिस ने मौके से सभी को पकड़ा.
महादेव ऐप से जुड़ा बड़ा नेटवर्क
पूछताछ में गिरफ्तार युवकों ने स्वीकार किया है कि वे महादेव ऐप से जुड़े “Khelooyaar.site” प्लेटफॉर्म के फ्रेंचाइजी (ID-141) के रूप में काम कर रहे थे. इनके द्वारा प्रतिदिन लगभग 7 से 8 लाख रुपये तक का अवैध लेन-देन किया जा रहा था, जिसमें 70 प्रतिशत राशि प्रमोटर्स और 30 प्रतिशत इनके हिस्से आती थी. गिरोह ग्रामीणों को लालच देकर उनके दस्तावेजों से बैंक खाते खुलवाता था तथा एटीएम, पासबुक व चेकबुक अपने कब्जे में ले लेता था. इन खातों का उपयोग म्यूल अकाउंट की तरह किया जा रहा था. पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि पूरे नेटवर्क का संचालन शेल्वी उर्फ मनीष (भिलाई), राजन कुमार सिंह (औरंगाबाद, बिहार) और प्रवीण भैया (पता अज्ञात) द्वारा किया जा रहा था.
गिरफ्तार आरोपियों में राहुल सिंह लोधी, दुर्ग (छत्तीसगढ़), सुजित कुमार विश्वकर्मा, औरंगाबाद (बिहार), अजीत कुमार, औरंगाबाद (बिहार), रोहित कुमार सिंह, औरंगाबाद (बिहार), जुबेर अंसारी, बोकारो (झारखंड), अयाज आलम उर्फ टिंकु, रामगढ़ (झारखंड) वहीं अक्षय कुमार कुंडू, रांची (झारखंड) का नाम शामिल है.
छापेमारी के क्रम में गिरफ्तार आरोपियों के पास से 23 मोबाइल फोन जो कि एप्पल, सैमसंग, पोको, ओप्पो, वीवो कंपनी के, वहीं डेल एक लैपटॉप और एक लेनोवो टैब, 09 एटीएम कार्ड, 09 बैंक पासबुक, 09 चेकबुक, ऑनलाइन लेन-देन का रिकॉर्ड रखने वाली 03 डायरी, जियो फाइबर राउटर सेट अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किया है.
पलामू पुलिस का जनता से अपील
पलामू पुलिस ने लोगों को आगाह किया है कि किसी भी ऑनलाइन बेटिंग ऐप या गेमिंग के झांसे में न आएं. किसी भी व्यक्ति को अपना बैंक खाता, एटीएम, पासबुक या चेकबुक देने से बचें. लालच में आकर खाता उपलब्ध कराना भी एक दंडनीय अपराध है. पुलिस का कहना है कि साइबर अपराध के खिलाफ ऐसी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.





