पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच पटना के ज्ञान भवन में शनिवार को कांग्रेस पार्टी ने एक भव्य रोजगार मेले का आयोजन किया। इसमें कई निजी कंपनियों के शामिल होने और युवाओं को इंटरव्यू के आधार पर नौकरी देने का दावा किया गया है। कांग्रेस पहले भी दिल्ली में राहुल गांधी के जन्मदिन पर ऐसा मेला आयोजित कर चुकी है।
रोजगार मेला बना सियासत का मुद्दा
कांग्रेस के इस कदम ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। रोजगार के मुद्दे को लेकर जहां कांग्रेस युवाओं को जोड़ने की कोशिश में जुटी है, वहीं अब इस पर बयानबाज़ी भी तेज हो गई है।
कन्हैया कुमार का सरकार पर हमला
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने रोजगार मेले को लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा, “अगर विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस रोजगार देने का प्रयास कर सकती है, तो केंद्र और राज्य की सरकारें क्यों नहीं कर सकतीं?” उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा बिहार के युवाओं के प्रति उनकी गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पीएम मोदी पर भी साधा निशाना
कन्हैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने वादों को याद दिलाते हुए कहा: “पीएम ने हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। इस हिसाब से 11 साल में 22 करोड़ रोजगार मिलने चाहिए थे। केवल बिहार की आबादी के हिसाब से भी कम से कम 2 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
चुनाव से पहले युवाओं को साधने की कोशिश
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस की यह रणनीति साफ दिखाई दे रही है कि वह युवाओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। रोजगार जैसे ज्वलंत मुद्दे को केंद्र में रखकर पार्टी सत्ताधारी दलों को घेरने की कोशिश कर रही है।