झारखंड हाईकोर्ट ने सजा बढ़ाने की CBI की अपील स्वीकार की, अब होगी विस्तृत सुनवाई
रांची: देवघर चारा घोटाले में दोषी करार दिए जा चुके बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व IAS अधिकारी बेक जूलियस और कोषागार अधिकारी सुवीर भट्टाचार्य की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। झारखंड हाईकोर्ट ने CBI की ओर से दायर सजा बढ़ाने की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।
अब क्या होगा?
हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसमें जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस अंबुज नाथ शामिल हैं, ने इस मामले की विस्तृत सुनवाई के आदेश दिए हैं। अब यह तय होगा कि क्या तीनों आरोपियों की सजा बढ़ाई जाएगी।
CBI का पक्ष
CBI की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार भारती ने कोर्ट में दलील दी कि: “लालू प्रसाद यादव इस घोटाले के मास्टरमाइंड थे, लेकिन उन्हें और अन्य को सिर्फ साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई, जबकि सह-आरोपी जगदीश शर्मा को 7 साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना दिया गया।”CBI ने इस अंतर को न्याय के विरुद्ध बताया और अदालत से सजा बढ़ाने का आग्रह किया।
मामले का बैकग्राउंड
देवघर ट्रेजरी घोटाले में RC 64A/96 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। CBI की विशेष अदालत ने जनवरी 2018 में लालू यादव समेत कई आरोपियों को दोषी ठहराया था। लालू को 3.5 साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना लगाया गया था, जिसके बाद उन्होंने रांची की जेल में भी कुछ समय बिताया।