रांची: झारखंड सरकार ने 1 जुलाई से राज्यभर में खुदरा शराब दुकानों के हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले ही दिन 329 दुकानों का ट्रांसफर किया गया, जो राज्य की नई उत्पाद नीति को लागू करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
शराब घोटाले के बाद उठाया गया कदम
हाल के शराब घोटाले के बाद राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया कि अब प्लेसमेंट एजेंसियों से 30 जून के बाद कोई काम नहीं लिया जाएगा। शराब की खुदरा बिक्री में हुई अनियमितताओं और भारी वित्तीय गड़बड़ियों के कारण सरकार को मौजूदा व्यवस्था में बड़ा बदलाव करना पड़ा।
खुदरा दुकानों को झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन को सौंपा जाएगा
राज्य में कुल 1453 खुदरा शराब दुकानें हैं, जिन्हें अब चरणबद्ध तरीके से झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के हवाले किया जाएगा। नई उत्पाद नीति के तहत अब इन दुकानों को नीलामी के जरिए संचालित किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
मैनपावर कंपनियों की भूमिका पर सवाल
सरकार अब तक कॉरपोरेशन के जरिये शराब की बिक्री करवाने के लिए मैनपावर एजेंसियों का सहारा ले रही थी। इन्हीं कंपनियों को शराब बेचकर राजस्व कॉरपोरेशन के खाते में जमा कराना था। लेकिन जांच में पाया गया कि:
- कुछ कंपनियों ने पूरी बिक्री की रकम कॉरपोरेशन को नहीं सौंपी,
- कई कंपनियों पर बकाया बैंक गारंटी से अधिक हो गया,
- कुछ कंपनियों ने फर्जी बैंक गारंटी के जरिये ठेका हासिल कर लिया।
आगे की दिशा
सरकार का उद्देश्य है कि शराब कारोबार में पारदर्शिता लाई जाए और राजस्व नुकसान को रोका जाए। इसके लिए नई नीति को जल्द पूरी तरह लागू किया जाएगा और संदिग्ध एजेंसियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम राज्य सरकार की शराब नीति में सुधार और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब देखना होगा कि नई प्रणाली से शराब कारोबार में कितना बदलाव आता है।