नई दिल्ली: झारखंड कांग्रेस में बढ़ते आंतरिक मतभेद को सुलझाने के लिए पार्टी हाईकमान हरकत में आ गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने राज्य के सभी कांग्रेस विधायकों को सोमवार को दिल्ली तलब किया है। इस बैठक में विधायकों और मंत्रियों के बीच की तनातनी, नेतृत्व परिवर्तन की मांग, और विभागीय असंतोष जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा होगी।
मंत्रियों को रिपोर्ट, विधायकों को शिकायत रखने का मौका
बैठक में कांग्रेस कोटे के मंत्री अपने-अपने विभागों की उपलब्धियों की रिपोर्ट पेश करेंगे, वहीं असंतुष्ट विधायक संगठनात्मक और नेतृत्व से जुड़ी शिकायतें रख सकेंगे। राहुल गांधी सभी विधायकों से सरकार और संगठन को लेकर फीडबैक लेंगे।
नेतृत्व परिवर्तन की मांग
सूत्रों के मुताबिक, कुछ विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। उनका तर्क है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक दल के नेता दोनों पिछड़े वर्ग से आते हैं, जिससे सामाजिक संतुलन नहीं बन पा रहा। ऐसे में किसी एक पद पर बदलाव की मांग की जा रही है।
रिम्स-2 बना विवाद की वजह
बैठक में रिम्स-2 परियोजना को लेकर चल रही नाराजगी भी उठ सकती है।
- कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली के विरोध में हैं।
- उनकी पुत्री खुद राज्य सरकार में मंत्री हैं, जिससे मामला और जटिल बन गया है।
- विधायक सुरेश बैठा भी स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ खुलकर असहमति जता चुके हैं।
प्रदीप यादव को मंत्री बनाए जाने की चर्चा
विधायक दल के नेता प्रदीप यादव को मंत्री बनाए जाने की अटकलें भी पार्टी के भीतर नाराजगी का कारण बनी हुई हैं। कुछ विधायक इसका विरोध कर सकते हैं।
बैठक में शामिल होंगे ये नेता
- राहुल गांधी
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे
- संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल
- झारखंड प्रभारी के. राजू
बैठक में विधायक जहां राहुल गांधी के सामने संयमित तरीके से अपनी बात रखेंगे, वहीं केसी वेणुगोपाल से व्यक्तिगत रूप से शिकायतें साझा करने की तैयारी में हैं।