किंग्सटन (जमैका), स्पोर्ट्स डेस्क: ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज़ को 3-0 से क्लीन स्वीप कर न केवल फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी पर कब्जा जमाया, बल्कि अंतिम टेस्ट में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। डे-नाइट टेस्ट के दौरान वेस्टइंडीज की टीम दूसरी पारी में महज 27 रनों पर ऑलआउट हो गई, जो टेस्ट क्रिकेट इतिहास में अब तक का दूसरा सबसे कम स्कोर है।
1955 में न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड के खिलाफ 26 रन बनाकर सबसे न्यूनतम स्कोर का शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया था। अगर ऑस्ट्रेलिया की फील्डिंग में आखिरी समय में चूक नहीं होती, तो वेस्टइंडीज इस रिकॉर्ड की बराबरी कर लेता।

पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया को मिली 82 रनों की बढ़त
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 225 रन बनाए। स्टीव स्मिथ ने 48 और कैमरून ग्रीन ने 46 रन की अहम पारी खेली। वेस्टइंडीज के शमार जोसेफ ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट झटके। जवाब में वेस्टइंडीज की पहली पारी सिर्फ 143 रनों पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया के बोलैंड ने 3 विकेट, जबकि पैट कमिंस और हेजलवुड ने 2-2 विकेट लिए।
दूसरी पारी में वेस्टइंडीज की करारी हार
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 121 रन बनाए, जिसमें कैमरून ग्रीन ने 42 रन का योगदान दिया। शमार जोसेफ ने 5 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया की पारी को तहस-नहस कर दिया। वेस्टइंडीज को जीत के लिए 204 रन का लक्ष्य मिला, लेकिन मिशेल स्टार्क की घातक गेंदबाज़ी के सामने पूरी टीम 14.3 ओवर में सिर्फ 27 रन पर ढेर हो गई।
स्टार्क की तूफानी गेंदबाज़ी, 6 विकेट लेकर मचाई सनसनी
मिचेल स्टार्क ने अपने पहले ओवर में 3 विकेट लेकर वेस्टइंडीज की रीढ़ तोड़ दी। 7.3 ओवर की गेंदबाज़ी में स्टार्क ने केवल 9 रन देकर 6 विकेट चटकाए। उनके अलावा बोलैंड को 3 और हेजलवुड को 1 विकेट मिला। पैट कमिंस को गेंदबाज़ी करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी।
400 टेस्ट विकेट और दो ख़िताब स्टार्क के नाम
इस ऐतिहासिक मैच में स्टार्क को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ और ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया। उन्होंने टेस्ट इतिहास में सबसे तेज़ी से 5 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया और अपने करियर का 400वां टेस्ट विकेट भी इसी मैच में पूरा किया।
शर्मनाक रिकॉर्ड के साथ खत्म हुई वेस्टइंडीज की सीरीज़
यह सीरीज़ वेस्टइंडीज के लिए बेहद शर्मनाक साबित हुई, जहां वे किसी भी मैच में ऑस्ट्रेलिया को चुनौती नहीं दे सके। आखिरी टेस्ट में 27 रन पर पूरी टीम सिमटना उनके क्रिकेट इतिहास के काले अध्यायों में दर्ज हो गया।