नई दिल्ली : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ा जवाब देते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े दो प्रमुख आतंकी कैंपों को निशाना बनाया गया। इस ऑपरेशन की पुष्टि हाल ही में सामने आई सैटेलाइट तस्वीरों से हुई है, जिसमें इन ठिकानों को तहस-नहस होते हुए देखा जा सकता है।
सैयदना बिलाल कैंप – मुजफ्फराबाद
पहला टारगेट पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में स्थित सैयदना बिलाल कैंप था, जो जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों का ट्रेनिंग सेंटर माना जाता है। यहां आतंकियों को हथियार चलाने, जंगल में जिंदा रहने और विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग दी जाती थी।
7 मई, 2025 को हुए हमले में 81×92 फीट की जुड़ी हुई इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो गईं। सैटेलाइट तस्वीरों में हमले से पहले और बाद की स्पष्ट तुलना में बड़े पैमाने पर नुकसान देखा गया है। हालांकि, आसपास के क्षेत्र को कोई अन्य क्षति नहीं पहुंची।
कोटली गुलपुर कैंप – पीओके
दूसरा निशाना राजौरी से 40 किमी पश्चिम में कोटली गुलपुर स्थित आतंकी कैंप था, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। इस कैंप को जम्मू के राजौरी-पुंछ में हुए हमलों से जोड़कर देखा जा रहा है। सैटेलाइट इमेजरी में 110×30 फीट की एक इमारत बीच से टूटी हुई नजर आ रही है। वहीं बगल की एक अन्य छोटी इमारत की छत भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।
बालाकोट के बाद सबसे बड़ी कार्रवाई
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कार्रवाई 2019 में हुए बालाकोट स्ट्राइक के बाद भारत की सबसे सटीक और प्रभावी सैन्य जवाबी कार्रवाई मानी जा रही है। बालाकोट हमले के बाद इन कैंपों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन 2020 में इनमें फिर से आतंकी गतिविधियां शुरू कर दी गई थीं।
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख और जवाब देने की क्षमता को एक बार फिर दिखा दिया है। सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से सामने आया यह खुलासा पाकिस्तान के आतंक परस्त मंसूबों पर करारा प्रहार माना जा रहा है।