देशभर में लगेंगे चार लाख सीसीटीवी कैमरे, 74,000 डिब्बों और 15,000 इंजनों में हाई-क्वालिटी कैमरे लगाने की तैयारी
एआई और फेसियल रिकग्निशन से लैस कैमरे, संगठित गिरोहों की पहचान और निगरानी में मिलेगी तकनीकी सहायता
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेनों और इंजनों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय एक स्वागतयोग्य और समयानुकूल पहल है। रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्री सुविधाओं में सुधार के बाद अब सुरक्षा पर केंद्रित यह प्रयास यात्रियों के विश्वास को और मजबूत करेगा।
देशभर में 74,000 डिब्बों और 15,000 इंजनों में करीब चार लाख कैमरे लगाने की योजना इस बात को दर्शाती है कि सरकार अब तकनीक के माध्यम से ट्रेनों में घटने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए गंभीर है। खासकर जब इन कैमरों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेसियल रिकग्निशन सिस्टम से लैस किया जा रहा है, तब यह उम्मीद की जा सकती है कि ट्रेनों में सक्रिय संगठित गिरोहों की पहचान और निगरानी अब और अधिक प्रभावी हो सकेगी।
ट्रेनों में चोरी, जहरखुरानी, छेड़छाड़ और उत्पीड़न जैसी घटनाएं आम होती जा रही हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में इन अपराधों की संख्या चिंताजनक है। ऐसे में यह तकनीकी पहल एक अहम उपाय साबित हो सकती है।
सीसीटीवी कैमरों की गुणवत्ता, लो-लाइट रिकॉर्डिंग क्षमता और उच्च गति वाली ट्रेनों में भी स्पष्ट वीडियो फुटेज लेने की तकनीक यह सुनिश्चित करेगी कि सबूत के तौर पर रिकॉर्डिंग का उपयोग प्रभावी ढंग से किया जा सके। साथ ही, यात्रियों की निजता को ध्यान में रखते हुए कैमरे कोच के दरवाजों के पास लगाए जाने की योजना भी सराहनीय है।
इस पहल से न केवल अपराधों पर अंकुश लगेगा, बल्कि आग, दुर्घटना या किसी भी आपात स्थिति में वास्तविक समय में स्थिति का आकलन कर राहत कार्यों को गति दी जा सकेगी।
हालांकि, इस योजना की सफलता इसके सही और नियमित क्रियान्वयन पर निर्भर करेगी। रखरखाव, निगरानी और डाटा की गोपनीयता जैसे पहलुओं को समान रूप से प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही रेलवे स्टाफ को इन तकनीकों के उपयोग और डाटा सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षित किया जाना भी आवश्यक है।
कुल मिलाकर, रेलवे की यह पहल न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से आधुनिक भारत की तस्वीर को मजबूत करती है, बल्कि यात्रियों को सुरक्षित और भरोसेमंद सफर का अनुभव भी प्रदान करती है।
				
							
															




